फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड उन निवेशकों को पैसा लौटाने को तैयार को है, जिन्होंने उसकी पिछले दिनों बंद हो चुकी योजनाओं में निवेश किया था. हालांकि उसने एक शर्त जोड़ दी है. कंपनी ने कहा है कि इसका निर्णय निवेशकों के बीच ई-वोटिंग के द्वारा किया जाएगा और अगर वोटिंग का फैसला विपरीत रहता है तो पैसा रिटर्न करने में देरी हो सकती है.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था. सेबी के निर्देश के बाद अब कंपनी ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उसे जल्द से जल्द निवेशकों के पैसे लौटाने पर ध्यान देने के लिये कहा है. इन योजनाओं में निवेशकों के करीब 30 हजार करोड़ रुपये लगेहुए हैं. SEBI ने कहा कि अपनी छह डेट योजनाएं बंद करने के बाद फ्रैंकलिन टेम्पलटन निवेशकों को जल्द से जल्द धन लौटाने पर ध्यान दे.
कंपनी ने कहा है कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए वह तैयार है, लेकिन इसके लिए उसके निवेशकों के बीच ई-वोटिंग कराई जाएगी. उसने सेबी के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रस्टियों को इसके लिए निवेशकों की मंजूरी लेनी होगी. यदि मतदान में नकारात्मक परिणाम आए तो इससे संपत्तियों को बेचने और निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया में देर हो सकती है.
गौरतलब है कि पिछले महीने फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने अपनी 6 स्कीम्स को बंद कर दिया था. फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते ये फैसला लिया है.
बंद होने वाले छह फंड हैं – फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड. यह पहला मौका है जब किसी निवेश संस्था ने कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद किया हो.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया के प्रेसिडेंट संजय सप्रे ने निवेशकों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘कंपनी सभी निवेशकों को जल्द से जल्द एक व्यवस्थित और न्यायसंगत तरीके से पैसों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम आपके पैसे वापस करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रस्तावित मतदान उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’